विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध Vidyarthi aur Anushasan Essay in Hindi

Vidyarthi aur Anushasan Essay in Hindi विद्यार्थी किसी विदेशी का एक केंद्र बिंदु होते हैं हमारा आने वाला भविष्य आज के विद्यार्थियों पर ही टिका हुआ है आज के विद्यार्थी ही आगे चलकर डॉक्टर, इंजीनियर, बिजनेसमैन, बैंक आदि हमारे देश को आगे ले जाने का काम करेंगे देश की प्रगति का बोझ आज के छात्रों पर ही टिका हुआ है,

वहीं अगर हम आज के छात्रों में अनुशासन की बात करें तो विद्यार्थियों को बचपन से ही अनुशासित करना बहुत आवश्यक है क्योंकि एक बार हमारे जीवन में कोई भी संस्कार आ जाते हैं तो वह हमारे जीवन में अपनी जगह बना लेते हैं तो इसलिए विद्यार्थियों के अंदर बचपन से ही अनुशासन का होना बहुत जरूरी है ताकि बचपन से ही उन्हें अनुशासन में रहने की आदत हो जाए।

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध Vidyarthi aur Anushasan Essay in Hindi
Vidyarthi aur Anushasan Essay in Hindi

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध Vidyarthi aur Anushasan Essay in Hindi (100 शब्दों में)

विद्यार्थियों के लिए अनुशासन उतना ही आवश्यक है जितना की जीवन जीने के लिए जलवायु और भोजन है अगर विद्यार्थी के अंदर अनुशासन होगा तो वह अपने आगे के जीवन को भी सुंदर बना लेगा आज का विद्यार्थी ही आगे चलकर हमारे देश का भविष्य बनेगा आज हमारा भारत देश धर्म जातिवाद के नाम पर अनेक टुकड़ों में बांटने लग गया है हमारा यह कर्तव्य हैं कि हम हमारे विद्यार्थियों को अनुशासित करके अपने देश के प्रति जागरूक करें ताकि वह हमारे देश की भलाई के लिए कार्य कर सके और हमारे देश को फिर से एक बना सके!

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध Vidyarthi aur Anushasan Essay in Hindi (200 शब्दों में)

अनुशासन विद्यार्थी कि वह नीव है जिस पर हम एक मजबूत इमारत खड़ी कर सकते हैं विद्यार्थी जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण हैं अनुशासन विद्यार्थी को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचना है जिस विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन नहीं है वह कभी भी अपने जीवन को ठीक ढंग से नहीं चला सकता और वह अपने जीवन को खराब कर लेता है अनुशासन के बिना विद्यार्थी उस  कटी पतंग की तरह है जो की ज्यादा समय तक आकाश में नहीं उड़ सकती और थोड़े समय बाद नीचे गिर जाती है।

जो विद्यार्थी अपने गुरुओं का आदर करता है अपने माता-पिता और अपने से बड़ों का आदर करता है और अनुशासन को अपने जीवन में धारण किए हुए लक्ष्य की ओर बढ़ता है तो वह अपने जीवन में कभी भी असफल नहीं हो सकता ऐसे विद्यार्थियों के सफलता खुद कदम चूमती है इसलिए विद्यार्थी को कभी भी अनुशासन भंग नहीं करना चाहिए और उसे सदैव अनुशासन में ही रहना चाहिए।

एक अनुशासित विद्यार्थी ही देश का अच्छा नागरिक है और वह देश की प्रगति में अपनी अहम भूमिका निभा सकता है तो विद्यार्थी को बचपन से ही अनुशासन के बारे में बताना चाहिए और  विद्यार्थी की जिंदगी के लिए अनुशासन कितना आवश्यक है यह भी उसे समझना चाहिए।

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध Vidyarthi aur Anushasan Essay in Hindi (100 शब्दों में)

विद्यार्थी का जीवन किसी भी तपस्वी के जीवन से काम नहीं और इसी जीवन में उसे माता सरस्वती कि कृपया प्रदान होती है और यह कृपया किसी विद्यार्थी को प्रदान होती है जो अनुशासन में रहकर अपने सभी कार्य करता है अपनी पुस्तकों की इज्जत करता है और अपने से बड़ों का आदर सम्मान करता है विद्या को कभी भी हम आराम और सुख से प्राप्त नहीं कर सकते संयम और नियम के पथ पर चलकर ही हम विद्या को प्राप्त कर सकते हैं.

आज हमारे देश की सामाजिक व्यवस्था डामाडोल हो गई है और ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि विद्यार्थी अपने जीवन की गरिमा को बुला चुके हैं, और जहां विद्यालय में जाकर विद्यार्थियों को विद्या ग्रहण करनी चाहिए वह स्थान उन्होंने मौज मस्ती का स्थान बना लिया है, पहले विद्यालय को एक मंदिर के रूप में देखा जाता था लेकिन अब विद्यार्थियों की दृष्टि से वह टाइम पास का स्थल बन गया है, आज के विद्यार्थी बिल्कुल भी परिश्रम नहीं करना चाहते वह परिश्रम करने से पीछे हट रहे हैं।

अनुशासनहीनता से ही आज के विद्यार्थी अपना कल्याण करना चाहते हैं लेकिन ऐसा संभव नहीं है अनुशासनहीनता को ग्रहण करने के पीछे अकेले विद्यार्थी का ही दोस्त नहीं है बल्कि आज के अध्यापकों का भी दोष है वह विद्यार्थियों को किताबों से तो अवश्य पढ़ा देते हैं, लेकिन उनके वास्तविक जीवन से उन्हें अवगत नहीं करवाते हैं इसी कारण विद्यार्थी अपने जीवन में अनुशासनहीनता ग्रहण कर लेता है।

विद्यार्थी को अनुशासित करने के लिए अध्यापकों को उनकी प्रत्येक करिया पर नजर रखनी चाहिए और उन्हें अनुशासनहीनता के कितने नुकसान हैं, इनके बारे में भी बताना चाहिए और स्कूल कॉलेज को मनोरंजन का साधन न समझ के इन्हें मंदिर के रूप में देखना चाहिए।

निष्कर्ष

आज के विद्यार्थी हमारे देश का भविष्य है और इन्हें विद्यार्थियों को हमारे महान हस्तियों की किताबें पढ़नी चाहिए और यह समझना चाहिए कि उन्होंने हमारे देश को आगे ले जाने में कितना सहयोग दिया है और यह विद्यार्थी भी अनुशासन को अपने जीवन के अंदर ग्रहण करके हमारे देश को प्रगति के पथ पर ले जा सकते हैं एक विद्यार्थी अपने जीवन में अनुशासन को ग्रहण करके एक आदर्श नागरिक बन सकता है और यही आदर्श नागरिक देश की सेवा करते हुए राष्ट्रीय धर्म का पालन कर सकता है।

FAQ

विद्यार्थी और अनुशासन निबंध का उद्देश्य

विद्यार्थी और अनुशासन निबंध का उद्देश्य विद्यार्थियों को यह बताना है कि उनके जीवन में अनुशासन कितना महत्वपूर्ण है और अनुशासन को ग्रहण करके वह एक अच्छे नागरिक बन सकते हैं।

विद्यार्थी को अपने जीवन में क्या अपनाना चाहिए

विद्यार्थी को अपने जीवन में अनुशासन अपनाना चाहिए ताकि वह एक अच्छा नागरिक बन के देश की सेवा में सहयोग कर सके।

स्कूल में विद्यार्थियों को कैसा पाठ पढ़ना चाहिए

स्कूल में विद्यार्थी को अनुशासन का पाठ पढ़ना चाहिए ताकि वह यह समझ सके की अनुशासन उनके जीवन में कितना महत्वपूर्ण है।

क्या अनुशासन के बिना विद्यार्थी जीवन व्यर्थ है

जी हां अनुशासन के बिना विद्यार्थी जीवन तो व्यर्थ है ही बल्कि विद्यार्थी के आगे आने वाला जीवन भी व्यर्थ है।

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