Nadi Kinare Ek Shaam Essay In Hindi नदी किनारे की जो शाम होती है उसका बहुत महत्व है। साहित्य से लेकर कविता तक सभी नदी किनारे की शाम का वर्णन करते है। शाम के समय नदी का वातावरण बहुत सुंदर होता है। अगर आप अपना मनपसंद समय कही बिताना चाहते है, तो नदी किनारे से भला बेहतर क्या ही होगा। सभी धर्मों ने शुरू से ही नदी को बहुत महत्व दिया है। यह नदी जीवनदायिनी के नाम सेभी प्रसिद्ध है। नदी तट पर सुबह और शाम का समय विशेष होता है।
नदी किनारे एक शाम पर निबंध Nadi Kinare Ek Shaam Essay In Hindi (100 शब्दो में)
जब भी नदी का नाम मेरे दिमाग मे आता है तब मुझे बचपन के दिन याद आजाते है। जितना समय बचपन मे हम हर जगह बिता सकते है, उतना समय एक उम्र के बाद नही बिता सकते। मुझे आज भी याद है शाम के समय मे दोस्तो के साथ नदी किनारे जाता था। सभी दोस्त नदी पर जाने के लिए बहुत ही खुशी मेहसूस करते थे।
बहुत बार तो हम सब दोस्त मिलकर नदी मेही नहाते थे, नदी मे दोस्तो के साथ नहाना जादा सुकून देता था। नदी किनारे सुबह और शाम का ज्यादा महत्व होता है, जिस तरह सूरज की रोशनी नदी के पाणी मे चमक उठती है बिल कुल उसी तरह शाम का चंद्रमा भी चमकता है।
नदी किनारे एक शाम पर निबंध Nadi Kinare Ek Shaam Essay In Hindi (200 शब्दो में)
नदी किनारा शुरुवाती दौर सेही मिलने जुलने का ठिकाणा रहा है। सभी गाव को नदी किनारे हो ऐसा भी नही, ऐसे कुचही गिने चूने गाव होते है जिन्हे नदी किनारे प्राप्त होते है। गाव कैसा भी हो जब नदी किनारा हो तो सुंदरता आही जाती है। साहित्य मे कथा हो या कविताये सबकुच नदी किनारे की शाम कोही महत्त्व देते दिखते है। शाम के समय में जब हम नदी किनारे बैठे हो और सुरज नदी किनारे डूबता नजर आये ये दृश्य बहुत सुंदर होता है। शाम का समय एकांत का समय होता है, सभी लोग चाहते है की शाम के समयको नदी के किनारे बैठकर बाते करे। इस वजह सेभी शामके वक्त नदी किनारा महत्वपूर्ण समजा गया है।
शाम को नदी किनारेके तटपर आकाश मे पंछी उनके घर लौटते हुये दिखाई देते है। सुबह के समय इसी नदी किनारे से पंछी उनका खाना ढूंढने के लिए बाहर निकलते है। दिनभर खेतमे काम करते किसान शामके समय नदी किनारे सेही अपने पशु खेत मेसे घर लाते है। जब हम नदी किनारे बैठे हो और गायो की गले की घंटीया बज रही हो वो माहोल बहुत रंगीन नजर आता है। नदी किनारा अगर ग्रामीण क्षेत्रमे हो तो शाम के समय यह नजारा पक्का दिखाई पडेगा। शामके समय नदी किनारे जितनी शांती से दिखाई पडती है शायद ही इतनी शांती सुबह दिखे। जैसे जैसे दिन ढलने लगता है उसि के साथ शांती नदी किनारे पर बढणे लगती है।
नदी किनारे एक शाम पर निबंध Nadi Kinare Ek Shaam Essay In Hindi (300 शब्दो में)
एक दिन गर्मीयो मे शामके समय मे और मेरे कुछ दोस्त नदी किनारे शाम की मजा लेने गये, बहुत दिनो के बाद हम नदी किनारे पर जाराहे थे एक अलगही ऊर्जा मेहसूस हो रही थी। शाम के समय नदी के लहरो की आवाज कान मे पुकार लगाती है, दिनभर भीडके वजहसे थमनेवाली आवाज शामके शांती मे काफी स्पष्ट होती है।
हम सब दोस्त नदी के लहरो को देख बहुत सुकून पा रहेथे। कुछ देर तक सभी दोस्त बाते करणे मे व्यस्त रहे, बादमे सबके सब नहाने के लिए नदीमे उतरे। नदीका पाणी बहुत ठंडा था। नदीमे नहाने के बाद हम सभी उपर किनारे पर आराम करने के लिए बैठ गये। काफी समय चर्चा करणे मे हमने गवाया और बाद मे घर जानेके लिये चल पडे। घर जाते वक्त हम सबके चेहरे पर एक अलगही सुकून था। नदीकी लहरे बहुत ही खूबसूरत होती है, यह लहरे बार बार नदी तटको आकर टकराती है। नदी किनारेकी शामसे बहुत कुछ सीखने लायक है, जैसे हमेशा शांत रहना और हमेशा आगे बढते रहना इसमे शामिल है।
शामके समय चंद्रमा और तारे नदीमे डूबे हुये सुंदर दिखते है। यदि आपको कभी शामके समय नदी किनारे जाने का मौका मिले तो जरूर जायीये बहुत सारी सुंदरता आपकी राह देख रही होगी। नदीके किनारे वैसे सुंदरही होते है लेकिन शामके समय जो सुंदरता नदी किनारेको प्राप्त होती है वह सुंदरता दिनभर नही दिखती है। नदी किनारेको सुंदर दिखने के लिए किसी चीज की आवश्यकता नही होती, क्यूकी नदी किनारा खुदही सुंदरताका प्रतीक होता है।
कुछ लोग नदी किनारे जाकर भोजन का आनंदभी लेते है तो कुछ लोग घुमने का मजा लेते है। छोटेसे लेकर बडेतक सभी लोग नदी किनारा बहुत पसंद करते है। नदी किनारे के साथ सभी लोगोका गहिरा रिश्ता होता है। बचपनसेही हमे नदी किनारे जानेका मन करता है, जैसे पूर्वजन्मसेही नदी किनारेके साथ कुछ रिश्ता हो। मुझे जराभी तणाव होने पर मे शामके समय नदी किनारे घूमने निकल जाता हु। शामके समय नदी किनारे का माहोल बहुत अच्छा होता है, उस माहोलमे सभी दुख दर्द दूर हो जाते है और सिर्फ शांती मिलती है।
निष्कर्ष
नदी किनारे एक शाम इस निबंध मे हमने नदी तट पर शाम के माहोलके बारे में जानकारी दी है। शाम के समय नदी का किनारा बहुत सुंदर होता है और समय बिताने और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए नदी के किनारे से बेहतर कोई जगह नही है। भारतीय संस्कृती की शुरुआत नदी के किनारे से हुई है, न केवल भारतकी बल्कि दुनिया में जितनी भी संस्कृतियाँ उभरी हैं वे सभी नदी के किनारे ही उभरी हैं। नदी के किनारे सुबह और शाम बहुत सुंदर होती है, यह नदी किनारे एक शाम पर इस निबंध के माध्यम से हमने जाना है।
FAQ
नदी किनारे पर शाम का माहोल कैसा होता है?
नदी किनारे पर शाम का माहोल बहुतही सुंदर होता है।
नदी किनारे एक शाम पर निबंध कैसे लिखे?
सबसे पहले निबंधके बारे मे परिचय लिखना चाहिये और उसके बाद निबंध लिखने को शूरुवात करनी चाहिए।
नदी किनारेकी शामका क्या महत्व होता है?
नदी किनारेकी शामका बहुत महत्व है, क्युकी नदी किनारेकी शाम शांति और आनंद प्रदान करती है।
नदी को जीवन दायीनी क्यू कहा गया है?
नदीसे सबको जल प्राप्त होता है इसलिये नदी को जीवनदायीने कहा जाता है।
नदीसे हमे क्या सीख मिलती है ?
जिंदगीमे सुख हो या दुख निरंतर आगे बढना चाहिये यह सिख नदी से हमे मिलती है।