किसान की आत्मकथा पर निबंध Kisan ki Atmakatha Essay in Hindi

Kisan ki Atmakatha Essay in Hindi भारत एक गावो का देश है और उन्ही गांव में मैं निवास करता हूं और मैं एक किसान हूं देश भर में मैं कई सारे नाम से जाना जाता हूं जैसे अन्नदाता किसान आदि पूरे देश में मेरे को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है और मैं पूरे देश का पालन करता हूं मेरे द्वारा उगाया हुआ अनाज लोग ग्रहण कर कर अपने पेट की भूख मिटाते हैं मैं अपना पूरा जीवन मेरी धरती माता की सेवा में गुजार देता हूं,

मैं बहुत पुराने समय से खेती कर रहा हूं और आज 21वीं सदी में भी मैंने अपना व्यवसाय नहीं छोड़ा  और मैं आज भी एक किसान हूं और खेती करता हूं लेकिन तकनीकी बढ़ोतरी होने के कारण मेरा काम बहुत आसान हो गया है और साथ ही सरकार किसानों के लिए कई प्रकार की अलग-अलग  योजनाओं का निर्माण भी कर रही जिसके माध्यम से आज हमारे किसान का जीवन बहुत सरल हो गया.

किसान की आत्मकथा पर निबंध Kisan ki Atmakatha Essay in Hindi
Kisan ki Atmakatha Essay in Hindi

किसान की आत्मकथा पर निबंध Kisan ki Atmakatha Essay in Hindi (100 शब्दों में)

मैं एक किसान हूं और मेरा जीवन बहुत ही सादा जीवन है मैं अपने परिवार के साथ गांव में छोटे-छोटे घरों में रहता हूं और मैं प्रात काल जल्दी उठकर अपने पशुओं को नहलाता हूं और उन्हें चारा डालता हूं और सूरज मुझे कभी नहीं जगत मैं सूरज को जगाता हूं यानी की सूर्य उदय होने से पहले ही में अपने पशुओं को चारा डालकर खेतों की तरफ निकल जाता हूं,

दोपहर में मैं कड़ी धूप में कठिन परिश्रम करने के बाद मैं ही अपना भोजन ग्रहण करता हूं भोजन ग्रहण करने के उपचार थोड़ी देर पेड़ों की छाया में विश्राम भी करता हूं चाहे कड़ी धूप हो चाहे सर्दी हो या फिर जोरदार बारिश हो रही है मेरा काम कभी खत्म नहीं होता।

किसान की आत्मकथा पर निबंध Kisan ki Atmakatha Essay in Hindi (200 शब्दों में)

 मैं भारत माता का पुत्र एक किसान होने के साथ-साथ में अपने बच्चों का पिता भी हूं मेरी प्यारी बहन का भाई भी हूं और मेरे माता-पिता की इकलौती संतान और इसीलिए इनका पालन पोषण करना भी मेरा प्रथम कर्तव्य है। अन्य व्यवसाय के अंदर तो अनेकों प्रकार की बेइमानियां हो जाती है, लेकिन मेरे व्यवसाय में किसी भी प्रकार की बेईमानी नहीं होती पूरी निष्ठा और ईमानदारी से मैं अपने काम के प्रति समर्पित रहता हूं।

इतनी मेहनत करने के बावजूद भी मेरे को जीवन यापन करने के लिए बहुत अधिक मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है कभी-कभी अधिक बारिश की वजह से मेरी फसल खराब हो जाती है तो कभी बारिश न होने के कारण मेरी फसल खराब  खराब हो जाती है इसीलिए मुझे परिवार के पालन पोषण के लिए पैसे ब्याज पर भी लेने पड़ जाता है.

सरकार की ओर से मुआवजे में दिए गए हुए पैसों से पूरे साल मेरा और मेरे परिवार का गुजारा नहीं हो पता मेरे जीवन में इतनी कठिनाई होने के बावजूद भी मैं बहुत खुश हूं। और मैं इतना खुश इसलिए हूं कि मैं खुद भूखा रह कर हजारों लोगों का पेट भरता हूं और भगवान ने मुझे इसीलिए चुना है कि मैं हजारों लोगों के पेट की भूख मिटा सकू.

किसान की आत्मकथा पर निबंध Kisan ki Atmakatha Essay in Hindi (300 शब्दों में)

मेरा नाम रामलाल है और पैसे से मैं एक किसान हूं मेरा परिवार गांव में रहता है मेरे परिवार में मेरी बीवी मेरे तीन बच्चे और मेरे बूढ़े मां-बाप और मेरी बहन रहती है इन सब का पेट भरने के लिए और मेरे बाकी देशवासियों का पेट भरने के लिए मैं खेतों के अंदर दिन रात कठिन परिश्रम करता हूं अगली वर्ष मुझे मेरी बहन का विवाह भी करना है इसके लिए मेरे पास जमा राशि बहुत ही काम है क्योंकि इस साल खेतों में फसल अच्छी नहीं हुई है तो मुझे कुछ पैसे ब्याज पर भी लेने पड़ेंगे और बच्चों के लिए नए कपड़े जूते आदि भी लानी पड़ेगी।

लेकिन मैं इन परेशानी यो से बिल्कुल भी नहीं डरता हूं क्योंकि मुझे मेरी परिश्रम पर बिल्कुल विश्वास है मैं इस साल अपनी और लोगों की जमीन लेकर उन पर अधिक परिश्रम से खेती करूंगा और बहन की शादी में जो कर्जा लूंगा वह जल्द से जल्द उतार दूंगा मेरी और मेरे जैसे कई सारे किसानों के लिए सरकार नई-नई योजना का आयोजन तो अवश्य करती है.

लेकिन बनाई योजना हमारे तक पहुंची नहीं पाती और इस महंगाई के जमाने में सरकार ने हर चीज के दाम बढ़ा दिए हैं बस एक फसल के दम नहीं बधाई है मेरे जैसे लाखों किसान इस उम्मीद में बैठे रहते हैं कि कोई नई सरकार बनेगी तो वह किसानों के हित में कार्य करेंगे लेकिन सरकार तो बदल जाती है परंतु किसानों के हित में कोई कार्य नहीं होता फसलों के दाम बढ़ाने की बजाय घट जाते हैं और खाद, बीज आदि के रेट बढ़ जाते हैं.

इसी वजह से किसान के ऊपर बहुत अधिक कर्ज हो जाता है और यह कर्ज न चुकाने के कारण कई किसान भाई आत्महत्या भी कर बैठते हैं क्योंकि उनके अंदर इतना साहस नहीं रहता की वह अपना कर्ज उतर पाए और वह भी आत्महत्या का शिकार हो जाते हैं।

निष्कर्ष

किसान हमारे पूरे देश का अन्नदाता है और यही अन्नदाता इस महंगाई के जमाने में आत्महत्या का शिकार हो रहा है, इसका कारण हमारी आज की सरकारी है जो किसानों के हित मे कार्य नहीं कर रही है और इसी कारण आज के किसान आत्महत्या कर रहे हैं हमारे सरकार कौ किसानों के लिए अधिक से अधिक योजनाएं चलनी चाहिए और उनकी फसलों के दाम भी बढ़ने चाहिए क्योंकि इन्हें भी अपनी फसल का मनचाहा रेट मिलने का पूरा हक है क्योंकि यह खेतों में उसे फसल को उगाने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं।

FAQs

किसान कि आत्मकथा निबंध का उद्देश्य।

किसान के आत्मकथा निबंध का उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि एक किसान अपने जीवन में कितना कठिन परिश्रम करता है और पूरे भारतवर्ष का पेट भरता है।

क्या सरकारों को किसानों के हित में कार्य करने चाहिए।

जी हां हमारी सरकारों को किसानों के हित में अवश्य करने प्रिया करने चाहिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा योजना में देनी चाहिए और फसल खराब हो जाने पर उन्हें मुआवजा भी मिलना चाहिए।

क्या किसान सच में आत्महत्या कर लेते हैं।

हां अधिक कर्ज हो जाने के कारण बहुत से किसान आत्महत्या का शिकार हो जाते हैं।

हमारे देश में किसानों को किस दृष्टि से देखा जाता है।

हमारे देश वालों को अन्नदाता के रूप में देखा जाता है और यही अन्नदाता हमारे देश का पालन पोषण।

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