Computer Virus in Hindi : कंप्यूटर वायरस के बारे में हम ने सुना ही होगा। इसके ऊपर एंटी वायरस के पर्याय आज मार्केट में उपलब्ध है। यह वायरस कंप्यूटर के सिस्टम को बुरी तरह से इफेक्ट करके डैमेज कर देता है। आज लेख के माध्यम से कंप्यूटर वायरस क्या है, कंप्यूटर वायरस के प्रकार, कंप्यूटर वायरस से कंप्यूटर को कैसे बचाएं, कंप्यूटर वायरस क्या कर सकता है, कैसे कार्य करता है, कंप्यूटर वायरस को कैसे निकाले यह सब जानकारी हासिल करेंगे।
Computer Virus in Hindi (कंप्यूटर वायरस क्या है?)
कंप्यूटर सिस्टम में सभी सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन होते है। कंप्यूटर वायरस भी एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन ही है। लेकिन यह एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन बुरी इफेक्ट के साथ लिखे हुए कोड से अलग अलग प्रोग्राम को अटैक करके उसकी डुप्लीकेट फाइल बनाता है या फिर उस फाइल को इंपैक्ट कर देता है।
कंप्यूटर वायरस के साथ अगर कोई कंप्यूटर सिस्टम प्रभावित होती है तो टेक्निकल भाषा मे ऊस सिस्टम को व्हायरस से इंफेक्टेड सिस्टम कहा जाता है। कंप्यूटर वायरस सिस्टम में कुछ भी छेड़खानी कर सकता है। इसलिए इंफेक्टेड सिस्टम में अजीब हरकते होती रहती है।
कंप्यूटर वायरस के प्रकार (Types of Computer Virus)
सिस्टम के किस क्षेत्र में वायरस का प्रभाव है उसके अनुसार कंप्यूटर वायरस के अलग अलग प्रकार बनाए हुए है।
बूट सेक्टर वायरस : कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम पर इस प्रकार के वायरस का इंपैक्ट होता है। इससे कंप्यूटर सिस्टम में शुरुआत समय अजीब हरकत होती है। इस प्रकार के वायरस को USB के माध्यम से कंप्यूटर में छोड़ा जाता है। USB डिवाइस के साथ कंप्यूटर सिस्टम शुरू करते ही वायरस अपना कार्य शुरू कर देता है।
वेब स्क्रिप्टिंग वायरस : वेब ब्राउजर के माध्यम से आपके कम्प्यूटर सिस्टम पर कोई फाइल डाउनलोड करने से यह वायरस अटैक हो जाता है। नए सभी वेब ब्राउजर में इस प्रकार के वायरस के खिलाफ डिफेंस सिस्टम दिया गया है।
ब्राउजर हायजैकिंग : किसी भी ब्राउजर के होम पेज URL को बदलना या फिर और भी सेटिंग्स को बदला जाना ब्राउजर हायजैकिंग कहा जाता है। इस माध्यम से फिशिंग अटैक होने की संभावना अधिक है। वायरस प्रकार से जो भी अटैक करते है वह पैसे कमाने के बारे में सोचते है।
मैक्रो वायरस : माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस पर बने सभी फाइल में डाउनलोड करने में मैक्रो वायरस आने की संभावना होती है। माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस में एडिशनल सिस्टम डाउनलोड होते रहते है।
डायरेक्ट एक्शन वायरस : कंप्यूटर सिस्टम में डायरेक्ट एक्शन के साथ कोई नॉर्मल फाइल भेजी जाती है। इस फाइल को डाउनलोड करने के बाद कोई बदलाव नहीं होते। लेकिन कुछ ट्रिगर एक्शन के बाद ही इसके साथ जुड़ा वायरस सक्रिय हो जाता है। यह ट्रिगर एक सेट किया गया समय भी हो सकता है।
कंप्यूटर वायरस से क्या होता है? (What happens with a computer virus)
कंप्यूटर वायरस से क्या होगा इसका संबंध वायरस के निर्मित से है। कभी कभी आपने देखा होगा की बस प्रैंक करने के लिए भी कंप्यूटर वायरस बनाया जाता है। इन वायरस से आपके सिस्टम को कुछ खास प्रॉब्लम नहीं होता है।
कुछ वायरस से फ्रॉड होने की संभावना होती है। लोकल सिस्टम पर अफेक्ट करने के लिए कुछ कंप्यूटर वायरस कार्य करते है। अगर वॉर्म प्रकार का वायरस कंप्यूटर में आता है तो किसी कीड़े की तरह यह सिस्टम को खाता जाता है।
एक बार वायरस से इन्फेक्शन होने के बाद कंप्यूटर में फाइल्स और फोल्डर्स करप्ट होना शुरू होता है। कुछ वायरस तो एंटी वायरस सिस्टम से आसानी के साथ छूट कर निकल जाते है।
कंप्यूटर वायरस कैसे करता है कार्य? (How a computer virus works)
कंप्यूटर वायरस भी एक कोड या फिर सॉफ्टवेयर होता है। आपके कंप्यूटर में आने के बाद उसका इन्फेक्शन प्रोसेस शुरू होता है। इन्फेक्शन प्रोसेस में किसी फाइल के साथ या फिर खुद एक फाइल बनकर वायरस कंप्यूटर में आ सकता है।
वायरस कंप्यूटर में आने के बाद तुरंत कार्यरत होंगे ऐसा नहीं है। कुछ वायरस कंप्यूटर में सीमित अवधि के लिए छुपकर ही रहते है। सिस्टम का सबसे कमजोर हिस्सा ढूंढकर उसके ऊपर वायरस अटैक करेगा। एक एक करके पूरे सिस्टम को बरबाद कर देगा।
कंप्यूटर वायरस को सिस्टम से कैसे निकाले? (how to remove computer virus from system)
अगर आपका कंप्यूटर भी अजीब तरीके से बरताव कर रहा है तो आपके कंप्यूटर को वायरस ने चपेट में लिया है। चलिए वायरस को निकालने के बारे में जानते है।
- इंटरनेट से अपने कंप्यूटर को तोड़ने से आपके साथ अगर ऑनलाइन कहा से वायरस आ रहा है तो उसे रोका जा सकता है। इंटरनेट की सहायता से वायरस अधिक सक्रिय हो जाते है।
- कंप्यूटर की टेंपररी फाइल डिलीट करने से आप बुटिंग सिस्टम पर अफेक्ट करने वाले वायरस को निकाल सकते है।
- कंप्यूटर को सेफ मोड में रिबुट करने से भी सिस्टम से वायरस निकल सकता है।
- सिस्टम में एंटी वायरस सॉफ्टवेयर डालने से और वायरस स्कैन करने से सभी वायरस निकल सकते है।
कंप्यूटर वायरस से सिस्टम को कैसे बचाएं (How to protect system from computer virus)
कंप्यूटर वायरस आपके सिस्टम को पूरी तरह से बराबर कर देता है। इसलिए सिस्टम को बचाने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करना जरूरी है।
- कंप्यूटर सिस्टम के लिए एंटी वायरस सॉफ्टवेयर आए है। यह सॉफ्टवेयर अपने कंप्यूटर में वायरस आने से और आने के बाद निकालने में सहायता करता है।
- आपके कंप्यूटर में अगर कोई मेल लॉगिन है तो मेल पर आए किसी भी अनजाने exe फाइल को डाउनलोड न करे। इस exe फाइल में कोई वायरस इंफेक्टेड सॉफ्टवेयर हो सकता है।
- आपके कंप्यूटर सिस्टम में डाली गई ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करके रखने से उसके अपडेट में आए सिक्यूरिटी पैच सिस्टम से कंप्यूटर को प्रोटेक्ट करने में सहायता होगी।
- कोई भी पैड सॉफ्टवेयर का इंटरनेट पर मिलने वाला फ्री वर्जन (पायरेटेड सॉफ्टवेयर) इस्तेमाल ना करे।
- अपने अकाउंट्स के पासवर्ड की स्ट्रॉन्ग बनाना जरूरी है। स्ट्रॉन्ग पासवर्ड स्मॉल और कैपिटल अल्फाबेट, नंबर्स और कैरक्टर्स से मिलकर बनता है।
निष्कर्ष
कंप्यूटर वायरस के कारण सिस्टम को खराब तो किया जा रहा है लेकिन आपके कंप्यूटर सिस्टम में स्टोर आपके डेटा को भी चुराया जाता है। इसमें आपके बैंक बैलेंस के साथ फ्रॉड होने की संभावना है। आज Computer Virus in Hindi लेख के माध्यम से वायरस क्या है, कंप्यूटर वायरस के प्रकार, कम्प्यूटर वायरस से क्या होता है, कैसे कार्य करता है, सिस्टम इंफेक्टेड है तो वायरस कैसे निकाले और कंप्यूटर वायरस से सिस्टम को कैसे बचाएं यह महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की है।
FAQs
Virus शब्द का फूल फॉर्म क्या है?
वायरस इस अंग्रेजी शब्द का फूल फॉर्म Vital Information Resources Under Siege है।
कंप्यूटर वायरस के प्रकार कौनसे है?
कंप्यूटर वायरस के बूट सेक्टर, वेब स्क्रिप्टिंग, ब्राउजर हायजैकिंग, मैक्रो, डायरेक्ट एक्शन वायरस प्रकार है।
क्या मालवेयर वायरस होता है?
वायरस यह एक का एक प्रकार है। इसलिए मालवेयर को वायरस नही कहते।
कंप्यूटर वायरस के प्रमुख उदाहरण कौनसे है?
आय लव यू, क्रिप्टो लॉकर, माय डूम, स्टॉर्म वार्म, सेसर एंड नेटस्काय जैसे कंप्यूटर वायरस अभी प्रसिद्ध है।
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