Cinema Ke Labh Aur Hani Essay in Hindi सिनेमा मनोरंजन का एक साधन है। आधुनिक युग में सिनेमा विज्ञान की एक बहुत बड़ी देन है। अब सिनेमा केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि छोटे छोटे गांवों में भी सिनेमा देखे जाते है। सिनेमा मनोरंजन के साथ साथ समय व्यतीत करने का भी साधन बन गया है।
सिनेमा का महत्व हमारे समाज में शुरू से ही रहा है। जहां कोई बात हमें सुनकर या पढ़कर जल्दी समझ नहीं आती वही सिनेमा के माध्यम से वह हमारे मन पर एक अनूठी छाप छोड़ जाती है। अच्छे चलचित्र शिक्षा का अच्छा साधन साबित हुए हैं। एक और सिनेमा में सुंदर गीत, अच्छी कहानी और प्रकृति के सुंदर दृश्य हमारे मन को मोह लेते हैं वहीं देशभक्ति से संबंधित सिनेमा सामाजिक चेतना व राष्ट्रीयता की भावना को जागृत करती है।
सिनेमा के लाभ और हानि पर निबंध Cinema Ke Labh Aur Hani Essay in Hindi (100 शब्दों में)
सिनेमा समाज को बदलने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है । फ़िल्मों की कुछ कहानियां सामाजिक परिवेश व प्रेमकथा पर आधारित होती है। कुछ फ़िल्मों की कहानियों में देश द्रोह भ्रष्टाचार, कुप्रथाओं आदि की चर्चा की जाती है। हर फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ कोई न कोई संदेश अवश्य देती है। जिससे व्यक्ति अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होता है।कई फिल्मों का राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत करने में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है जिससे स्वतंत्र भारत के निर्माण में लोगों का सहयोग प्राप्त हुआ।
सिनेमा में सभी प्रकार की भाषाओं में फिल्में बनाई जाती है जिसे शिक्षित व अशिक्षित लोग देख सकते हैं।सिनेमा के माध्यम से हम बाहरी दुनिया और वहां की संस्कृति व रहन सहन के बारे में जानते हैं।
सिनेमा के लाभ और हानि पर निबंध Cinema Ke Labh Aur Hani Essay in Hindi (200 शब्दों में)
सिनेमा में संवेदनशील मुद्दों को फिल्म के रुप में पर्दे पर दर्शाया जाता है।सिनेमा से लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त होता है। क्यूंकि सिनेमा निर्माण में अनेक कलाकारों व मजदूरों की जरूरत होती है। इसलिए देश की अर्थव्यवस्था में भी सिनेमा महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सिनेमा में कलाकारों के अभिनय कला का विकास होता है। सिनेमा ने संगीत, नृत्य आदि के विकास में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सिनेमा से सामाजिक समस्याओं का समाधान भी होता है, कुछ उत्तम कोटि की फिल्में, नाटक आदि समाज को प्रेरित करने का काम करते हैं और बुराई के रास्ते पर ने चलकर अच्छाई के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हैं,
देश प्रेम,भाईचारा दहेज प्रथा, विधवा विवाह, पर बनी फिल्में देश को प्रेरित करने का कार्य करती है।इसके द्वारा हम अपने पुराने इतिहास को लोगों तक बड़ी ही आसानी से पहुंच सकते हैं और उन्हें विस्तार से इसके बारे में बता सकते हैं जैसे की रामायण और महाभारत पर बनी फिल्में लोगों को सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं कुछ देश प्रेम पर बनी फिल्में लोगों के दिलों में देश के प्रति एकता व प्रेम को बढ़ाती है।
सिनेमा के लाभ और हानि पर निबंध Cinema Ke Labh Aur Hani Essay in Hindi (300 शब्दों में)
यह कहना उचित है की सिनेमा मानव के लिए लाभदायक के किंतु बढ़ती आधुनिकता के साथ इससे जुड़ी हानियां भी सामने आई है कुछ सिनेमा हिंसा पर आधारित होते हैं जिससे आम लोगों में हिंसा की भावना जागृत होती है जिससे चोरी, डकैती, मारपीट इत्यादि घटनाएं सामने आती है आधुनिक सिनेमा में कलाकार भिन्न भिन्न तरह के फैशन करते है जो की खर्चीले होते हैं जिसे देख कर आम लोगो पर अनैतिक प्रभाव पड़ता है तथा वे अपना अधिकतर धन फैशन व अन्य प्रोडक्ट्स पर खर्च करते हैं।फिल्म निर्माता पैसा कमाने के लालच में ऐसी फिल्में भी बना देते है जिसका नवयुवाओं व समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है । विधार्थियों पर भी सिनेमा का दुष्प्रभाव पड़ता है.
सिनेमा के अंदर अभिनेता पैसों के लिए कुछ धर्म व जातिवाद पर ऐसी फिल्में बना देते हैं जिन पर आगे चलकर बहुत अधिक विवाद देखने को मिलता है ऐसी फिल्में देखने पर लोगों के दिल में दूसरे धर्म को लेकर या फिर दूसरे जाति को लेकर मन में खटास रहती है जिससे कि फिर वह जातिवाद पर लड़ाइयां करने लगते हैं आपने ऐसी बहुत सी फिल्में देखी होगी जिसके अंदर अपने धर्म को अधिक सर्वश्रेष्ठ दिखाकर दूसरे के धर्म को नीचा दिखाया गया है ऐसी फिल्मों का निर्माण सिर्फ लोगों को भड़काने के लिए ही किया जाता है.
भड़के हुए लोग धर्म के नाम पर लड़ाइयां करते हैं और यह लड़ाइयां एक विशाल जंग का रूप भी ले लेती है हमें इन फिल्मों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और हर एक व्यक्ति को एक दूसरे के साथ प्रेम पूर्वक संबंध बनाकर रहना चाहिए और सरकार को भी ऐसी फिल्मों पर रोक लगा देनी चाहिए ताकि इन फिल्मों के कारण समाज के अंदर गंदगी फले और सभी लोग आपस में प्रेम पूर्वक संबंध बनाकर रहने लगे और एक नए और अच्छे समाज का निर्माण हो सके और लोगों को भी यह पता चल सके कि जातिवाद के अंदर कुछ नहीं है हम सब परमात्मा के बच्चे हैं.
निष्कर्ष:
यद्यपि सिनेमा मनोरंजन का एक अच्छा व सस्ता साधन है इसके साथ – साथ सिनेमा का समाज के विकास में में भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। परन्तु फिल्म निर्माताओं को मनोरंजन के साथ साथ नैतिक मूल्य वाली फिल्में बनानी चाहिए ताकि समाज पर इस अच्छा प्रभाव पड़े। यदि सिनेमा का अच्छे तरीके से सदुपयोग किया जाए तो यह समाज के लिए हितकारी साबित होगा.
FAQ
सिनेमा में फिल्में कैसी होनी चाहिए?
सिनेमा में बनी फिल्में लोगों को अच्छा संदेश देने वाली होनी चाहिए ताकि इन फिल्मों को देखकर सच्चाई ईमानदारी के मार्ग पर चल सके और समाज सुधार का काम कर सके।
सिनेमा के लाभ और हानि निबंध का क्या संदेश है?
सिनेमा के लाभ और हानि निबंध का यह संदेश है कि अभिनेताओं को ऐसी फिल्में नहीं बननी चाहिए जिसे लोगों पर बुरा प्रभाव पड़े और लोग जातिवाद या धर्म के नाम पर लड़ाइयां करें।
क्या हमें सिनेमा में बनी फिल्में देखनी चाहिए?
हां हमें सिनेमा के अंदर बनी फिल्में अवश्य देखनी चाहिए लेकिन हमें उन फिल्मों से बचाना है जो कि हमारे चरित्र पर बुरा प्रभाव डालें और हमें देशभक्ति देश प्रेम व भाईचारे से संबंधित फिल्में सिनेमाघर में देखनी चाहिए।
क्या सिनेमा समाज के लिए हितकारी है?
अगर हम सिनेमा के अंदर अच्छी फिल्में देखें तो हमारे समाज के लिए सिनेमा बहुत हितकारी है