Bluetooth in Hindi: आज कल अपने कानों में पहनने वाले हेडफोन्स को ब्ल्यूटूथ कहना शुरू हो गया है। लेकिन सही में यह ब्ल्यूटूथ नहीं है। ब्ल्यूटूथ यह एक टेक्नोलॉजी है। मोबाइल से लेकर कार तक सभी जगह आज ब्लूटूथ का बोलबाला है। चलिए आज इस लेख के माध्यम से ब्ल्यूटूथ क्या है, ब्ल्यूटूथ का इतिहास, ब्ल्यूटूथ कैसे कार्य करता है, ब्ल्यूटूथ के उपयोग, ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी में वर्जन, ब्ल्यूटूथ के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे।
Bluetooth in Hindi (ब्ल्यूटूथ क्या है?)
ब्ल्यूटूथ यह एक टेक्नोलॉजी है जिसके माध्यम से एक सीमित अंतर पर डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नेटवर्किंग यह एक संज्ञा है। ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी भी कम दूरी में कार्य करने वाली पर्सनल एरिया नेटवर्क है।
वायर से कनेक्शन बनाना पुराना हो गया है। वायरलेस कनेक्टिविटी में ब्ल्यूटूथ ही सबसे पहले कार्य में आया था। ब्ल्यूटूथ सिस्टम की नेटवर्क दूरी 10 मीटर तक सीमित है। इस टेक्नोलॉजी में रेडिओ तरंगों के माध्यम से डेटा ट्रांसफर किया जाता है। ब्ल्यूटूथ सिस्टम short wavelength 2.402 GHz से लेकर Ultra High Frequency 2.485 GHz तक रेडियो बैंड का इस्तेमाल करता है।
ब्ल्यूटूथ का इतिहास (History of Bluetooth)
ब्ल्यूटूथ नाम के पीछे की कहानी बहुत सही है। किंग हेराल्ड का दूसरा नाम बल्टन था। इस बल्टन शब्द का डैनिश भाषा में अर्थ ब्लूटूथ होता है। कहानी यही खतम नहीं होती है।
1994 में एरिक्सन कंपनी ने ब्ल्यूटूथ सिस्टम को शुरू किया था। किसी भी वायर के बिना दो डिवाइस को जोड़ने का कार्य इस टेक्नोलॉजी से संभव हुआ था। किंग हेराल्ड यह एक वाइकिंग था। 10 वी शताब्दी में इस राजा ने ख्रिस्तीयन और एथेन्स के बीच एक ब्रिज बनवाया था। इस ब्रिज से दोनों शहरों के बीच की दूरी कम हुई थी। इसीलिए ब्ल्यूटूथ को भी उसी किंग के नाम से जुड़ा एक नाम दिया गया।
ब्ल्यूटूथ का लोगो (Bluetooth Logo)
ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी का लोगो भी एक खास जानकारी के साथ बनाया गया है। यूरोपियन देशों में (*) इस सिम्बोल का अर्थ बर्फ का गोला है। इसी के साथ B यह अक्षर Bjarkan इस पेड़ से आता है। इन दोनो से मिलकर ब्ल्यूटूथ का लोगो बना हुआ है।
ब्ल्यूटूथ कैसे कार्य करता है? (How Bluetooth works)
ब्ल्यूटूथ सिस्टम का कार्य छोटे अंतर में है। इस कारण इस सिस्टम को पर्सनल एरिया नेटवर्क के अंदर रखा जाता है। ब्ल्यूटूथ सिस्टम नेटवर्क के अंदर 2 डिवाइस से लेकर 8 डिवाइस एक साथ जुड़ सकते है। इस जुड़ने की प्रक्रिया को पियरिंग कहा जाता है।
ब्ल्यूटूथ नेटवर्क में एक डिवाइस मास्टर की तरह काम करता है। बाकी बचे 7 डिवाइस किसी नौकर की तरह होते है। डेटा ट्रांसमिट और रिसीव करना यह एक सिंक के साथ होता है। मास्टर डिवाइस यह सब कार्य को मैनेज करता है।
ब्ल्यूटूथ के उपयोग (Uses of Bluetooth)
- ब्ल्यूटूथ सिस्टम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल म्यूजिक सुनने में होता है। वायरलेस हेडफोन, बड्स और स्पीकर्स में आज ब्ल्यूटूथ सिस्टम इस्तेमाल होती है।
- अभी आए हेडफोन्स के पहले ब्ल्यूटूथ हैंड्सफ्री थे। इन ब्ल्यूटूथ डिवाइस से जल्दी में कॉल करना पॉसिबल है।
- मोबाइल से मोबाइल या फिर दो ब्ल्यूटूथ डिवाइस में फाइल डेटा ट्रांसफर करने में ब्ल्यूटूथ इस्तेमाल में आता है। बिना इंटरनेट का इस्तेमाल किए इस माध्यम से आप दो पास रखे डिवाइस के बीच में फाइल को भेज सकते है।
- ब्ल्यूटूथ थींटरिंग के माध्यम से किसी कंप्यूटर के साथ अपने मोबाइल का डेटा या फिर वायफाय को बिना केबल के शेयर कर सकते है।
- माउस, कीबोर्ड, प्रिंटर जैसे गैजेट्स को कंप्यूटर के साथ जोड़ने में आज ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी की मदत ली जाती है। इसके साथ अब ब्ल्यूटूथ गेमपैड भी गेमिंग एक्सपीरियंस को और भी बेहतर बनाती है।
ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी वर्जन और जानकारी (Bluetooth Technology Version and Information)
- ब्लूटूथ 1.0 : 1999 में खोज हुई इस वर्जन में दो डिवाइस जोड़ने का कार्य हुआ।
- ब्ल्यूटूथ 2.0 : 2005 में पिछले वर्जन के छोटे बड़े संस्करण के बाद यह बड़ा संस्करण आया। डेटा ट्रांसफर स्पीड में यह आपको 3 MBPS तक ले उड़ी थी।
- ब्ल्यूटूथ 3.0 : 2009 में लॉन्च हुए वर्जन के साथ डेटा ट्रांसफर स्पीड को 24 MBPS तक बढ़ाया गया।
- ब्ल्यूटूथ 4.0 : 2010 में ब्ल्यूटूथ 3.0 को इंप्रूव करके 10 मीटर रेंज को बढ़ाकर 100 मीटर रेंज तक बढ़ाया गया।
- ब्ल्यूटूथ 5.0 : 2016 में आए इस वर्जन में स्पीड को 48 MBPS किया गया है।
- ब्ल्यूटूथ 6.0 : जल्दी ब्ल्यूटूथ का यह वर्जन मार्केट में लॉन्च होने वाला है।
ब्ल्यूटूथ के फायदे (Advantages of Bluetooth)
- ब्ल्यूटूथ के कारण सभी वायर छुटकर वायरलेस कनेक्शन के माध्यम से डिवाइस कनेक्ट कर सकते है।
- अलग अलग 7 डिवाइस को एक मास्टर डिवाइस के साथ कनेक्ट किया जा सकता है।
- ब्ल्यूटूथ आपको पियरिंग के माध्यम से सिक्यूरिटी देता है। इस कारण पेयरिंग कोड के बिना कोई भी 2 डिवाइस कनेक्ट नहीं हो सकते।
- स्मार्ट होम बनाने में ब्ल्यूटूथ की सहायता से सब कनेक्ट कर सकते है।
- अगर आपने हेडफोन और स्मार्टवॉच दोनों कनेक्ट कर दिए है तो आपको इसमें से प्रायोरिटी चुन सकते है।
- जहा पर इंटरनेट काम नहीं करता उस जगह पर ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी ही काम में आती है।
- सभी डिवाइस के अंदर इनबिल्ट सिस्टम होने के कारण डायरेक्ट कनेक्शन आसान है। अगर किसी सिस्टम में ब्ल्यूटूथ सपोर्ट नहीं है तो उसे भी मात्र एक पेन ड्राइव आकार के छोटे डिवाइस से ब्ल्यूटूथ इनेबल किया जा सकता है।
ब्ल्यूटूथ के नुकसान (Disadvantages of Bluetooth)
- अभी लेटेस्ट ब्ल्यूटूथ वर्जन में 100 मीटर रेंज तो कही जाती है लेकिन इसमें बहुत सारे फैक्टर्स निर्भर करते है। नॉर्मली 10 मीटर तक की ही रेंज ब्ल्यूटूथ में मिल सकती है।
- ब्ल्यूटूथ सिस्टम से पर्यावरण पर बुरा असर होता है। यह रेडियो तरंग एक बैंडविथ (2.4 GHz) पर सब घना प्रभाव डालता है।
- ब्ल्यूटूथ के कारण बैटरी का ज्यादा इस्तेमाल होता है। अगर आप मोबाइल में ब्ल्यूटूथ का प्रयोग करते है तो बैटरी तेजी से कम होती है।
- पेयरिंग के बावजूद भी रेडियो तरंग को बीच में हैक करने की क्षमता होने के कारण हैकिंग होने की संभावना अधिक है।
निष्कर्ष
ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी के माध्यम से कम दूरी में डेटा ट्रांसफर करना आसान बन गया है। या टेक्नोलॉजी उस समय की एक भविष्य से जुड़ी टेक्नोलॉजी है। सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में आज ब्ल्यूटूथ टेक्नोलॉजी को दिया जाता है। आज Bluetooth in Hindi लेख के माध्यम से ब्ल्यूटूथ क्या है, ब्ल्यूटूथ का इतिहास, कार्य, इस्तेमाल और फायदे नुकसान के बारे में जानकारी हासिल की है।
FAQs
ब्ल्यूटूथ क्या है?
ब्ल्यूटूथ एक वायरलेस रेडियो तरंगों पर कार्य करने वाली सिस्टम है जिसके माध्यम से दो डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकता है।
ब्ल्यूटूथ के प्रकार कौनसे है?
ब्ल्यूटूथ के प्रकार नहीं वर्जन (संस्करण) होते है। अभी 1.0 से लेकर 5.6 तक संक्सरण आते है।
ब्ल्यूटूथ की खोज किसने की थी?
ब्ल्यूटूथ की खोज जाप हार्ट्सन ने की थी ऐसा कहा जाता है। कुछ लोग ब्लूटूथ की खोज एरिक्सन कंपनी ने की ऐसा मानते है।
ब्लूटूथ किंग के नाम से किसे पहचाना जाता है?
हेराल्ड ब्लूटूथ यह डेनमार्क के राजा के नाम से ब्लूटूथ नाम लिया गया होने के कारण इस राजा को ब्लूटूथ किंग नाम से जाना जाता है।
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