भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध Bhartiya Samaj me Nari ka Sthan Essay in Hindi

Bhartiya Samaj me Nari ka Sthan Essay in Hindi हर दिन नारी शोषण के मुद्दे पर बात की जा रही है। नारी पर बात करने की जरुरत तब बढने लगी जब समाज के हर स्तर पर यह महत्वपूर्ण बात समझने लगी। दुनिया भर के अलग अलग देशों में नारी के लिए अलग कानून है। भारत के संविधान में महिलाओ के लिए कुछ विशेष कानून की शिफारिश की है।

जबसे समाज मे महिलाओ का शोषण होणा शूरू हुआ है, तबसे लेकर आज तक समाज मे बहोत बडी दुरिया दिखाई पडती है। समाज को निरंतर साथ अगर चलना तो महिलाओ का सन्मान करना पहिला कर्तव्य मानना चाहिए।

समाज में नारी का स्थान पर निबंध Samaj Me Nari Ka Sthan Essay In Hindi
Samaj Me Nari Ka Sthan Essay In Hindi

भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध Bhartiya Samaj me Nari ka Sthan Essay in Hindi (100 शब्दो में)

प्राचीन काल के समय से ही आज तक नारी को एक शक्ती के स्वरूप मे देखा गया है। हमारी संस्कृती हमे बताती है की नारी को सन्मान देना चाहिए। नारी समाज का मुख्य आधार है और ईश्वर ने बनाई हुई मूल्य की खान है। नारी समाज में बेहेन, पत्नी, माता ऐसे किरदार निभाती है। नारी के बिना सबकुछ अधूरा है। भारतीय संस्कृती मे नारी को विशेष स्थान दिया हुआ है।

सांसारिक वंश को आगे बढाने के लिए नारी ही कर्तव्य निभाती है। वह नारीही है जो खुद इतनी पीडा सहकर एक नये जिंदगी को जन्म देती है, और उसकी परवरिश करती है। हर इंसान के जिंदगी में नारीकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है, कभी पत्नी बनकर तो कभी बेहेन या माता बनकर नारी इंसान को सवारती है।

भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध Bhartiya Samaj me Nari ka Sthan Essay in Hindi (200 शब्दो में)

वेदकालीन स्थिती मे भी महिलाओ की हर काम मे महत्वपूर्ण भूमिका रही है। लेकिन पता नही समाज मे धीरे धीरे नारी का पतन होना शुरू हो गया है। मध्ययुगीन समाज तक नारी को जितना महत्वपूर्ण समजा जाता था, उतना महत्व अब नही है। हरदिन नारी की स्थिती बदल रही है। नारी को उसके हक्क के लिये आवाज उठाना पड रहा है। नारी ने जितनी तकलीफ सही होगी शायद ही किसी ने इतनी तकलीफ मेहसूस की हो।

जबसे स्थिती पुरुषो द्वारा नियंत्रित की जा रही है तबसे महिलाओ की स्थिती मे कोई सुधार नही दिख रहा है। महिलाये बहुत ही कोमल ह्रदय की होती है, जरासी तकलीफ होने पर भी उन्हे तकलीफ मेहसूस होती है। लेकिन अब महिलाओ के लिये आवाज उठणा भी जारी है। किसी देश के स्वतंत्र्यता के लिए जितने हकदार पुरुष है, उतने ही हकदार महिलाये भी है।

दुनिया मे कुछ ऐसे भी देश है जहा के कानून महिलाओ के खिलाफ काम करते है, इसके बावजूद भारत और कुछ गिने चूने देश है जहा के कानून महिला और पुरुषोके लिए समान आधार पर न्याय देते है। महिला और पुरुष दोनो को भी समान न्याय मिलना बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। जिस देश मे महिला और पुरुष दोनो को एकसमान देखा जाता हो वहा महिलाओ को कम से कम तकलीफ सेहना पडती है।

भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध Bhartiya Samaj me Nari ka Sthan Essay in Hindi (300 शब्दो में)

भारत मे बालविवाह अपने परम शिखर पर है। बालविवाह रोकणे के लिये भारतीय घटना मे कुछ कानून है, लेकिन इन सबके बावजूद भी हरदिन बालविवाह एक बडी संख्या मे बढ रहे है। अगर इसी तरह समाज मे बालविवाह होते गये तो नारी का बचपन खत्म हो जाएगा। वैसे भी बालविवाह की वजह से कई लाखो नारि यो का बचपन छिना गया है। बालविवाह की संख्या इससे भी कही गुना ज्यादा हो सकती है। बालविवाह यह छुपके से होता है इसलिये लगभग कितने बालविवाह हर साल होते होंगे इसका कुछ ताल मेल नही है। अब सरकार भी बडे स्तर पर बालविवाह को रोकने के लिए कोशिश कर रही है।

स्त्री को सिर्फ एक उपभोग का साधन ना समज कर समाज का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण भाग समजना चाहिये। जब सभी नवजवान और पुरुष नारी को इस तरीके से सन्मान देंगे तो बडे पैमाने पर फर्क दिखना शूरू होगा। इससे पहले भी समाज मे कही समाज सुधारक हुए है, जिन्होने स्त्री कार्य को बढावा दिया है। राजाराम मोहन रॉयने 1829 मे सती प्रथा पर रोक लगवादी, उस समय यह बहोत बडा निर्णय था। उस वक्त भी समाज मे कई लोगो ने राजाराम मोहन का विरोध किया लेकिन उन्होने सती प्रथा बंद करने के लिए फर्मान जारी कर दिये।

भारत के आजादी के समय महिलाये पुरुषो के साथ मिलकर लढी है। भारत की ऐसी कही महिलाये है जिने स्वातंत्र्य सेनानी भी कहा जाता है, जैसे महाराणी लक्ष्मीबाई, वीर मंगई वेलूनाचियार। आज भी ऐसा कोई काम नही है जहा महिला मौजूद ना हो, लगभग हर क्षेत्र में महिलाओ ने उनका नाम रोशन किया है। अंतरिक्ष की बात करे तो कई महिलाये अंतरिक्ष में जाकर आई है, जिसमे सुनिता विल्यम्स, कल्पना चावला और दुनिया भर की कई महिलाये शामील है। फिर भी हम यह नही कह सकते की नारी का शोषण होना बंद हो गया है, नारीका शोषण अगर पुरी तरह से मिटाना हो तो समाज मे सभी लोगो को जिम्मेदारी के साथ आगे आना होगा।

निष्कर्ष

समाज मे नारी का स्थान इस निबंध मे, नारीकी पूर्वस्थिती और मध्ययुग से होता आरहा शोषण ऐसे मुद्दो पर बातचीत की है। महिलाओ को सबसे ज्यादा तकलीफ सहनी पडी है, बावजूद हर काम मे महिलाओ ने उनका कर्तव्य दिखाया है। ऐसा कोई क्षेत्र नही है जहा हमे नारीशक्ती दिखाई न दे। हर क्षेत्र मे पुरुषो से कंधा मिलाकर नारीने काम किया है, और हर दिन महिलाये सभी तरह के काम मे एवम सरकारी है।

FAQs

भारतीय समाज में नारी को क्यू विशेष कहा है?

नारी एक शक्ती का रूप होती है इस वजह से नारी को विशेष की उपाधि दी गई है।

समाज मे नारीका क्या महत्व रहा है?

समाज मे नारी समाज को बांधणे वाली कही जाती है, जिसकी वजह से समाज निरंतर सही पथ पर होता है।

हमारे देश में नारी की क्या सुरक्षा दिखती है?

हमारे देश में सभी सरकारी ऑफिस और देश की पुलिस, नौसेना, स्तलसेना मे महिलाये नजर आती है।

नारी के मुख्य रुप कोनसे है?

नारी के मुख्य रूप मा, बेहेन, बेटी ऐसे है।

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